कौशल विकास

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कौशलों के माध्यम से राष्ट्र के युवाओं को सशक्त बनाना

प्रकोष्ठ के बारे में

कौशल विकास प्रकोष्ठ को अभातशिप अनुमोदित महाविद्यालयों/पंजीकृत सुविधा प्रदाताओं के माध्यम से युवाओं को कौशल प्रदान करते हुए उन्हें प्रशिक्षित करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। जिसका उद्देश्य उनके नियोजन/स्व-नियोजन के अवसरों में वृद्धि करना है। प्रकोष्ठ इस उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए अनेक योजनाएं चला रहा है।

इसकी प्रमुख योजनाएं है-तकनीकी संस्थाओं के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई-टीआई), नियोजनीयता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम (ईईटीपी), राष्ट्रीय नियोजनीयता संवर्धन मिशन (एनईईएम), अभातशिप-स्टार्टअप नीति, युवाओं के व्यावसायिक संवर्धन के लिए कौशल आकलन मेट्रिक्स (समवय), नेतृत्व विकास कार्यक्रम आदि।

भूमिकाएं और उत्तरदायित्व

एसडी प्रकोष्ठ अभातशिप की विभिन्न कौशल विकास पहलों से संबंधित कार्य करता है। प्रमुख योजनाएं इस प्रकार है :

  • तकनीकी संस्थाओं के लिए स्टार्ट-अप नीति : अभातशिप ने तकनीकी संस्थाओं के विद्यार्थियों के लिए स्टार्ट-अप नीति तैयार की है जिसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य कर रहे विद्यार्थियों द्वारा प्रारंभ किए जाने वाले स्टार्ट-अप सृजित करना तथा नियोजन के अवसर मुहैया करना है।
  • तकनीकी संस्थाओं द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई-टीआई) : यह योजना अभातशिप अनुमोदित महाविद्यालयों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है जिसका उद्देश्य शिक्षा छोड़ देने वाले विद्यार्थियों को इंजीनियरी कौशल प्रदान करना तथा उन्हें उपयुक्त निजी क्षेत्र में रोजगार हासिल करने में मदद करना है।
  • अभातशिप-यूकेरी : अभातशिप ने व्यवसाय, ऊर्जा और औद्योगिक कार्यनीति विभाग (डीबीईआईएस), यूके के साथ यूके-भारत शिक्षा और अनुसंधान पहल (यूकेरी) चरण-3 के अंतर्गत क्रियाकलापों को संयुक्त रूप से संचालित करने के लिए एक क्रियान्वयन करार पर हस्ताक्षर किए हैं।
    • यूकेरी चरण-3 के अंतर्गत शिक्षा सहयोग के निम्नलिखित चार चरणों को क्रियान्वित किया जाएगा :
    • नेतृत्व और संकाय विकास
    • शिक्षा प्रणाली में कौशलों का एकीकरण
    • ई-भागीदारी और शोध उष्मायित्र
    • संचलनता का संवर्धन
    उपर्युक्त के अलावा, परिषद् द्वारा 54 एसकेपी अनुमोदित किए गए हैं तथा एसडीसी ने इस चरण में 100 प्रतिभागियों के लिए दो कार्यशालाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया है।
  • कौशल ज्ञान प्रदाता (एसकेपी) : एसकेपी उद्योग अथवा विशेषज्ञता प्राप्त प्रशिक्षण केन्द्र होते हैं। इस पहल के अंतर्गत, परिषद् ने एनएसक्यूएफ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रवेश दिए गए विद्यार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों को प्रयोग करने के प्रयोजनार्थ निम्नलिखित संगठनों के साथ समझौता-ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं :
    • आईएल एंड एफएस विकास निगम लिमिटेड
    • प्रगत प्रौद्योगिकी विकास केन्द्र (एटीडीसी)
    • फुटवीयर डिजाईन विकास संस्थान (एफडीडीआई)
    • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए)
    • राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी)
    उपर्युक्त के अलावा, परिषद् द्वारा मौके पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 54 एसकेपी का भी अनुमोदन प्रदान किया गया है।
  • समुदाय महाविद्यालय योजना : इस योजना के अंतर्गत, परिषद् एनएसक्यूएफ के अनुसार पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए अनुमोदित पॉलिटेक्निकों को वित्तीय सहायता मुहैया कराता है। आज की तारीख तक, 74 संस्थान यह योजना संचालित कर रहे हैं।
  • नियोजनीयता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम (ईईटीपी) : कौशल प्रदान करने संबंधी पहलों के अंतर्गत कार्यक्रम क्रियान्वित करने तथा रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के लिए परिषद् ने ईईटीपी के अंतर्गत निम्नलिखित संगठनों के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं :
    • अभातशिप - लिंकेडिन
    • अभातशिप - आईसीटी अकादमी
    • अभातशिप - मॉन्स्टर डॉट कॉम
  • राष्ट्रीय नियोजनीयता संवर्धन मिशन (एनईईएम) राष्ट्रीय नियोजनीयता संवर्धन मिशन (एनईईएम) का उद्देश्य किसी ऐसे व्यक्ति की नियोजनीयता में वृद्धि करने के लिए उसे कार्यस्थल पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है जो या तो किसी तकनीकी संस्था में अपनी स्नातक डिग्री/डिप्लोमा कर रहा हो अथवा किसी गैर-तकनीकी विषयक्षेत्र में अध्ययन कर रहा हो अथवा जिसने अपने डिग्री अथवा डिप्लोमा पाठ्यक्रम में अध्ययन को अधूरा छोड़ दिया हो जिससे उसकी नियोजनीयता में वृद्धि हो सके।
    आज की तारीख तक इस योजना के अंतर्गत 30,000 से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 12 संस्थानों को एनईईएम सुविधा प्रदाता के रूप में पंजीकृत किया गया है।
  • आई3 अभिनवता पुरस्कार : भारत अभिनवता पहलकदम (आई3) एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है जिसका आयोजन सीआईआई द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार तथा अभातशिप के साथ भागीदारी करते हुए किया जाता है जिसका प्रधान लक्ष्य जनता के मध्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अभिनवता का प्रचार-प्रसार करना और उसे प्रोत्साहित करना है तथा संभावित अभिनवताओं का वाणिज्यीकरण करना है।
  • अभातशिप-सीआईआई संबद्ध सर्वेक्षण : अभातशिप सीआईआई के सहयोग से उद्योग-शिक्षा जगत सहयोग का सर्वेक्षण संचालित कर रही है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य भारतीय तकनीकी संस्थाओं का उद्योग के साथ संबधों का मापन करना है ताकि उद्योग के साथ भागीदारी की श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को प्रदर्शित किया जा सके तथा भारत में तकनीकी शिक्षा की पारिस्थिकी की कमजोरियों और ताकत का पता लगाया जा सके। हम सर्वेक्षण के फलस्वरूप तकनीकी संस्थाओं को उनके उद्योग के साथ संबंधों के आधार पर प्रोत्साहन दिया जाता है।

केन्द्रीय दल

डॉ नीतू भगत
उपनिदेशक
लेफ्टिनेंट कमांडर अखिल शर्मा
सहायक निदेशक
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