समुदाय महाविद्यालय

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एक विशाल देश के रूप में जिसकी जनसंख्या 1.2 बिलियन से अधिक है, भारत की 75 प्रतिशत जनसंख्या लगभग 6 लाख गांवों में रहती है। ग्रामीणों और शहरी क्षेत्रों, अमीरों और निर्धनों, अधिक शिक्षितों और कम शिक्षितों तथा विकसित और पिछड़े क्षेत्रों में अंतर दृश्यमान है।

व्यवसाय और कैरियर

जबकि साधनसंपन्न व्यक्तियों, विशेष रूप से वे, जो शहरी क्षेत्रों में रह रहे हैं, की बेहतर शिक्षा और व्यावसायिक, प्रशिक्षण तक बेहतर पहुंच होती है, परंतु ग्रामीण क्षेत्रों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बड़ी संख्या में लोग कम शिक्षित होते हैं तथा उनके पास तकनीकी, व्यावसायिक और वृत्तिक प्रशिक्षण भी उपलब्ध नहीं होता है। वस्तुत: ऐसे अधिकांश लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा उच्च तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के व्यय को वहन कर पाना संभव नहीं होता है।



कैरियर विकल्प के संदर्भ में, ऐसे कम शिक्षित तथा कम सौभाग्यशाली व्यक्ति निम्न आय वाले असंगठित क्षेत्र में कार्य करने के लिए विवश होते हैं। ऐसे व्यक्तियों की प्रति व्यक्ति उत्पादकता भारतीय अर्थव्यवस्था के संगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों की उत्पादकता का एक अत्यंत छोटा भाग ही होती है। हमारे देश में निरंतर बढ़ते हुए प्रतिस्पर्धी आर्थिक परिवेश में, असंगठित क्षेत्र जो देश के लिए अत्यंत आवश्यक है, को अपनी उत्तरजीविता और विकास के लिए अपनी मानवशक्ति की उत्पादकता में वृद्धि करने की आवश्यकता है।


भारतीय अनौपचारिक क्षेत्र के समक्ष एक अन्य विरोधाभास यह है कि यह अत्यंत शिक्षित और व्यावसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित मानव शक्ति को नियोजित कर पाने में समर्थ नहीं है, जो प्राय: अत्यंत चुनौतीपूर्ण, लाभप्रद और संतुष्टिपूर्ण कैरियर की आकांक्षा रखते हैं। भारतीय औपचारिक क्षेत्र के समक्ष उपलब्ध एकमात्र विकल्प यही है कि यह कौशल विकास के गैर-औपचारिक क्षेत्र के माध्यम से प्रशिक्षित तुलनात्मक रूप से कम वेतन लेने वाली मानवशक्ति पर ही निर्भर रहे।


अत: गैर-औपचारिक कौशल विकास के एक देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से प्रत्येक वर्ष लाखों लोगों को प्रशिक्षित किए जाने की अविलंब आवश्यकता है। ऐसे गैर-औपचारिक प्रशिक्षण को भारतीय समाज के सभी वंचित वर्गों से लाभार्थियों को आकर्षित करना चाहिए।

देश में 3200 से अधिक पॉलीटेक्निक और उनके समकक्ष तकनीकी संस्थाएं हैं जो अपनी स्वयं की सुविधाओं के माध्यम से तथा आईआईटी अथवा व्यावसायिक कौशल ज्ञान प्रदाताओं, एनजीओ के साथ सहयोग करते हुए विस्तार केन्द्रों की स्थापना करते हुए लाखों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं। ये पॉलीटेक्निक उपयुक्त प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तथा ग्रामीण जनता और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को तकनीकी और सहायता सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोगी सेवाएं भी प्रदान कर सकते हैं।

अभातशिप अनुमोदित पॉलीटेक्निक पर ऊपर उल्लेख किए गए अनुसार आशयित सेवाएं प्रदान करने के लिए एक व्यवहार्य नेटवर्क के रूप में विचार किया जाता है।

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