यूजी एवं पीजी के लिए नीतियां

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सहयोगी और समर्थकारी तंत्रों के माध्यम से संस्थाओं में विश्व मानक सुनिश्चित करने के पश्चात् देश में तकनीकी शिक्षा के योजनाबद्ध और समन्वित विकास को संवर्धित करना

यह सुविधा निम्न के माध्यम से सुकर कराई जाएगी :

  • उच्च गुणवत्ता की संस्थाओं का विकास जो शैक्षणिक उत्कृष्टता और संवर्धन अभिनवता के आधार पर संचालित की गई हो।
  • अनुसंधान और विकास कार्यक्रम;
  • इष्टतम संसाधन उपयोग के लिए संस्थाओं की नेटवर्किंग;
  • जानकारी का प्रचार-प्रसार;
  • नए उत्पाद, सेवाएं और पेटेंट विकसित करने के लिए उद्योग-संस्था संपर्क का संवर्धन;
  • उद्यमवृत्ति की भावना जागृत करना;
  • स्वदेशी प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करना;
  • गैर-औपचारिक शिक्षा पर ध्यान-केन्द्रित करना;
  • सभी के लिए किफायती शिक्षा उपलब्ध कराना;
  • भारतीय तकनीकी शिक्षा को वैश्विक रूप से स्वीकार्य बनाना;
  • एक अग्रदर्शी स्नातकपूर्व कार्यक्रम का दृष्टिकोण जो कार्यकुशल, लचीली और सृदृढ़ मानवशक्ति प्रदान करे जो उद्योग की अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशील हो।
  • उद्योग की अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता
निम्नलिखित के माध्यम से क्रियाविधि:
  • तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता का संवर्धन,
  • अभिनवतापूर्ण नीतिगत दिशाएं,
  • सन्नियमों और मानको की समीक्षा,
  • मानवशक्ति अपेक्षा का आकलन।
  • केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकारों, विश्विद्यालयों और अन्य सांविधिक निकायों के साथ संपर्क
  • गुणवत्ता के संवर्धन में उद्योग को शामिल करना
  • अनिवार्य प्रत्यायन की ओर संचलन
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