विषय:तकनीकी शिक्षा प्रदान करने वाली तकनीकी संस्थाओं, मानित विश्वविद्यालयों सहित विश्वविद्यालयों में रैगिंग पर रोकथाम और प्रतिबंध्
एफ0सं0 37-3/विधिक/अभातशिप/2009-अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् अधिनियम, 1987 की धारा 10 (ख), (छ), (त) तथा (थ) के साथ पठित धारा 23 के अंतर्गत प्रदत्त अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, एतद्द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (तकनीकी शिक्षा प्रदान करने वाली तकनीकी संस्थाओं, मानित विश्वविद्यालयों सहित विश्वविद्यालयों में रैगिंग पर रोकथाम और प्रतिबंध) विनियम बनाती है:-
- संक्षिप्त नाम और प्रारंभ
इन विनियमों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (तकनीकी शिक्षा प्रदान करने वाले तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों सहित मानित विश्वविद्यालयों में रैंगिग पर रोकथाम और प्रतिबंध) विनियम 2009 कहा जाएगा।
ये अधिसूचना लागू होने की तिथि से प्रभावी होंगे। - उद्देश्य
माननीय उच्चतम न्यायलय के समक्ष 2006 की एस.एल.पी. सं0 24295 दिनांक 16/05/2007 तथा 2009 की सिविल अपील सं0 887 दिनांक 8/5/2009 द्वारा रैंगिग की रोकथाम, प्रतिबंध तथा उन्मूलन के लिए निदेश दिए गए है इन्हें दृष्टिगत रखते हुए रैंगिग अर्थात् किसी विद्यार्थी अथवा विद्यार्थियों के द्वारा दूसरों को मौखिक अथवा लिखित शब्दों द्वारा प्रताड़ित करना, उसे छेड़ना, किसी नए विद्यार्थी के साथ दुव्र्यवहार करना अथवा उसे अनुशासनहीन गतिविधियों में लगाना जिससे आक्रोश, कठिनाई मनोवैज्ञानिक क्षति हो अथवा किसी नए अथवा अन्य किसी विद्यार्थी में भय की भावना उत्पन्न हो अथवा किसी विद्यार्थी से ऐसे कार्य को करने के लिए कहना जो वह सामान्य स्थिति में न कर सके अथवा ऐसा कार्य कराना जिससे उसमें लज्जा की भावना उत्पन्न हो, पीड़ा हो, घबराहट हो अथवा मनोवैज्ञानिक दृष्टि से दुष्प्रभाव पड़े अथवा शक्ति प्रदर्शन करना अथवा वरिष्ठ होने के कारण किसी नए विद्यार्थी का शोषण करना। अतः सभी विद्यार्थियों को समुचित भौतिक और मानसिक विकास प्रदान करने के उद्देश्य से अभातशिप ने ये विनियम बनाए हैं।