अभातशिप को संसद के अधिनियम द्वारा देश में तकनीकी शिक्षा की योजना और संवर्धन का कार्य सौंपा गया है तथा यह विभिन्न योजनाओं के माध्यम से शिक्षा प्रक्रिया के समग्र संवर्धन के लिए अभिनवता, अनुसंधान और तकनीकी संस्थाओं के विकास के लिए भी उत्तरदायी है। वित्त ब्यूरो की स्थापना परिषद् में विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के उत्तरदायित्व के लिए की गई थी तथा यह इन योजनाओं के क्रियान्वयन में अपेक्षित वित्तीय विशेषज्ञता प्रदान करता है और वित्तीय प्रबंध के समग्र संदर्श को प्रबंधित करता है। वित्त ब्यूरो परिषद् की योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बजटीय सत्यनिष्ठा का संरक्षण करने के अलावा परिणामों का मूल्यांकन भी संचालित करता है।वित्त ब्यूरो परिषद की योजनाओं का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बजटीय अखंडता की सुरक्षा करता है इसके के अलावा परिणामों का मूल्यांकन भी करता हैI
भूमिकाएं और उत्तरदायित्व
- बजट, लेखाकरण और वित्तीय मामलों पर प्रधान सलाहकार और सलाहकार (निरंतरता बनाते हुए)।
- परिषद् के लिए बजट तैयार करने हेतु उत्तरदायी।
- बजटीय नियंत्रण और व्यय एवं नकदी प्रबंधन के लिए उत्तरदायी।
- परिषद् द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के लिए सहायतानुदान जारी करने के लिए उत्तरदायी।
- वेतन, मजदूरी तथा अन्य स्थापना व्यय जारी करने के लिए उत्तरदायी।
- अभातशिप मुख्यालय तथा क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए आवर्ती और गैर-आवर्ती व्यय हेतु धनराशि जारी करने के लिए उत्तरदायी।
- परिषद् की निधियों के निवेश के लिए उत्तरदायी।
- बैंक खातों के समाधानों के लिए उत्तरदायी।
- समुचित लेखा प्रणाली प्रबंधन के लिए उत्तरदायी।
- लेखा बहियों के अनुरक्षण के लिए उत्तरदायी।
- आवर्ती और अनावर्ती शीर्षों पर व्यय उपगत करने के लिए प्रस्तावों की पूर्व-लेखापरीक्षा के लिए उत्तरदायी।
- प्रत्येक वर्ष ‘प्रमाणन’ और ’संव्यवहार लेखापरीक्षा’ संचालित करने के लिए नियंत्रक-महालेखापरीक्षक कार्यालय के साथ समन्वय करने के लिए उत्तरदायी।
- वार्षिक लेखाओं को तैयार करने तथा उन्हें संसद में प्रस्तुत करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रस्तुत करने के लिए उत्तरदायी।
- वित्तीय मामलों के संदर्भ में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार तथा अन्य विभागों और संगठनों के साथ समन्वय के लिए उत्तरदायी।